यदि आप सिंगल पैरेंट्स है और बच्चा अकेला महसूस करता है तो आज से ही करें ये काम- parent
Single Parents: बच्चों की सही तरह से पालन करना हर माता पिता की इच्छा होती है ही,साथ ही साथ सामाजिक ज़िम्मेदारी भी होती है, पर आज के इस आधुनिक युग में कभी कभी न चाहते हुए भी ऐसा माहौल या परिस्थिति बन पड़ती है की न चाहते हुए भी माता या पिता को अलग होना पड़ता है, कभी कभी माता पिता साथ नहीं रहते तो कभी दुनिया में कोई एक अलविदा कह चले जाते हैं तब बच्चों की देखभाल किसी एक के उपर ही आन पड़ती है, उस समय एकल अभिभावक तो उस बच्चे की परवरिश अपने हिसाब से अच्छे से अच्छे करते हैं पर बच्चों को माता पिता दोनों का साथ चाहिए होता है,ऐसे में बच्चा अंदर ही अंदर घुट रहा होता है,और उसके दिमाग में कई बातें जगह बनाने लगातीं हैं जिससे उसका किसी काय में मन नहीं लगता है,जैसे की पढ़ना लिखना, खेलना,sbse घुल मिल कर रहना आदि।
ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहें हैं जिसको आजमा कर आप अपने बच्चो के जीवन को आसान और खुशनुमा बना सकते हैं,
Pay special attention to children, teach them these important things: बच्चों पर रखें विशेष ध्यान,सिखाएं ये जरूरी बातें।
important things: बच्चों की परवरिश करने में एक भी गलती उसकी जिंदगी को बेहतर बनाने या खराब करने वाली हो सकती है. ऐसे में हर माता-पिता ये ही सोचते हैं और कोशिश करते हैं कि उनके बच्चों की पालन पोषण में कोई कमी ना हो जाए।सभी माता पिता अपने बच्चों को एक बेहतर इंसान बनाने जद्दोजेहद में लगे रहते हैं, परेशानी तब हो जाती है जब इसकी जिम्मेदारी सिर्फ सिंगल पैरेंटस पर आ जाए , सिंगल पैरेंट्स (Single Parents) को ही अपने बच्चों का माता-पिता खुद ही बनना पड़ता है और माता पिता दोनो को कमी पूरी करनी पड़ती है। बच्चे को किसी एक की पैरेंटस की कमी महसूस ना हो इसका भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है, अधिकतर सिंगल पैरेंट्स के बच्चे खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं, लेकिन सिंगल पैरेंटस अगर कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो बच्चे खुद को कभी अकेला महसूस नहीं करेंगे ।
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पॉजिटिव माहौल रखें
आप अगर बच्चों की सही परवरिश चाहतें हैं तो परिवार का में सभी उससे अच्छे से पेश आएं, घर का माहौल पॉजिटिव रखें, अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखें,उसके साथ समय बिताए,उसके खेलें, हंसे, साथ में लेकर अक्सर घुमने पार्क आदि में जाएं,अपने बच्चों से इमोशनली टच बनाए रखें, बच्चों को अपने पैरेंट्स का साथ सबसे अच्छा लगता है।इस तरह वो आपके करीब रहेगा और आपकी हर बात मानेगा,आप अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए घर-परिवार का माहौल पॉजिटिव बनाकर रखें।
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टाइम फिक्स करना सिखाएं
आप अपने बच्चों के लिए एक तय समय फिक्स कर लें, इस तरह एक सेडयुल बना लें ।बच्चा अगर कम उम्र से ही ये देखेगा तो वो भी टाइम मैनेजमेंट सीखेगा, जिससे वो समय को सही तरह से बांटना सीखेगा और आगे चलकर भविष्य में उसे कभी दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि अधिकतर बच्चे खुद से कार्य को पूरा नहीं जान पाते,क्योंकि उन्हें किस कार्य को कितने समय में पूरा करना है ये पता नहीं होता।
बच्चों के साथ समय बिताएं
बच्चों को अगर कोई चीज खूब खलती है तो वो है अपने पैरेंट्स की कमी, लेकिन,तो आप आज से ही अपने बच्चों के साथ समय बिताना शुरू कर दिजिए,कभी कभी ऐसा समय आ जाता है जब आपको अपने बच्चों से दूर रहना पड़ता है या आप अपने बच्ची के साथ समय नहीं निकाल पाते,जिससे आपका बच्चा चिढ़ चिढ़ा हो जाता है,तो आज से ही अपने बच्चों को खुद के साथ ही बीजी रहना सिखाएं,आप उन्हें सिखाएं की वो अपने आप को कैसे बीजी रखें,जैसे किताबें पढ़ना, फिल्में देखना,गाने सुनना , डांस करना या अपनी कोई भी वो चीज जिसमें बच्चों का मन लगे, क्यूंकि मनपसंद चीज करने के लिए इससे अच्छा समय भविष्य में नहीं मिलेगा,इससे बच्चा अपने आप को अकेला महसूस नहीं करेगा और वह खुद के साथ समय बिताना सिखेगा।
भावनात्मक /Emotionally टच बनाए रखें
इमोशन पर कन्ट्रोल करके व्यक्ति जीवन में हमेशा आगे बढ़ते तो हैं हीं साथ ही साथ खुश भी रहते हैं,आप अपने बच्चों के इमोशंस को समझिए ,उनकी बातों को प्राथिमिकता के साथ सुनिए, जिससे बच्चा अपने भावनाओं को व्यक्त करना सीखेगा,और आप उससे इमोशनली टच बनाएं रखेंगे तो वो जब भी अकेला महसूस करेगा तो आपको पता चल जाएगा,और आप उसको अपना साथ देकर डिप्रेशन में जानें से बचा लेंगे। बच्चा अपनी भावना जाहिर करेगा जिससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा की किसी भी बात पर वो निराश होकर खुद में ही घुटते नहीं रहेगा,कभी-कभी माता-पिता दोनों ही अपने बच्चों से इमोशनली जुड़े नहीं रहते और बच्चूले इमोशन पर कुछ खास ध्यान नहीं देते,जिससे बच्चा अन्दर ही अन्दर घुटता रहता है।
बच्चों के मन से डर निकालें
अधिकतर सिंगल पैरेंट्स के घर के बच्चे ये सोचकर बड़े होते हैं कि उनकी अपनी जिन्दगी भी उनके माता-पिता के ही जैसी ना हो जाए,बच्चों को अच्छे अच्छे उदाहरण बताकर समझाएं कि,जिस तरह सबकी जीवन की कहानी अलग अलग होती है उसी तरह सबके जिन्दगी अलग अलग होती है,चाहे प्यार हो या शादी और बच्चों को पालन पोषण करना,बच्चों को समझाएं कि आप उनके लिए बेस्ट हैं और उससे बहुत प्यार करते हैं,वो किसी और के लाइफ को देखकर निराश न हों।
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