क्रिकेट टुर्नामेंट में निरंकारी युवकों ने दर्शायी भाईचारे की भावना-cricket

 

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24 वें निरंकारी बाबा गुरुबचन सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट का सफलता पूर्वक समापन- cricket

Cricket/ आजमगढ । संत निरंकारी मण्डल जोन 61 के मीडिया सहायक डा.बीरेन्द्र सरोज ने जानकारी देते हुए बताया कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की असीम अनुकंपा से 24वें निरंकारी बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल क्रिकेट टुर्नामेंट का सफलतापूर्वक समापन आज संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा ग्राउंड में हुआ, जिसका शुभारम्भ दिनांक 25 फरवरी, 2024 को हुआ था। इस प्रतियोगिता में देश के लगभग सभी राज्यों से 48 टीमें चयनित हुई जिसमें युवा प्रतिभागियों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक भाग लिया।

सभी प्रतिभागियों ने खेलों के माध्यम द्वारा अनुभव एवं महत्वपूर्ण शिक्षाओं को ग्रहण किया। क्रिकेट टुर्नामेंट के सेमी फाइनल चरण में श्रीगंगानगर (राजस्थान), हिसार (हरियाणा), आगरा (उत्तर प्रदेश) एवं फाज़िलका (पंजाब) से चार राज्यों की टीमें चयनित हुई। आज दिनांक 21 मार्च, 2024 को अंतिम चरण (फाइनल राउॅड) की प्रतियोगिता श्रीगंगानगर एवं फाज़िलका के बीच हुई; जिसमें श्रीगंगानगर टीम ने विजेता ट्रॉफी प्राप्त की।

इस क्रिकेट टुर्नामेंट में मैन आफ द सिरिज़ का खिताब खिलाड़ी दीपक राजपूत (आगरा) को मिला। भ्रातृभाव अथवा जीवन के श्रेष्ठ गुणों का सुंदर स्वरूप इस क्रिकेट टुर्नामेंट के मैदान में दृश्यमान हुआ। संपूर्ण क्रिकेट टुर्नामेंट का आयोजन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशानुसार आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा (सचिव, संत निरंकारी मण्डल) के नेतृत्व में किया गया।

उन्होंने बताया कि सभी खिलाड़ियों में किसी प्रकार की कोई प्रतिस्पर्धा, द्वेष एवं एक दूसरे को हतोत्साहित करने की संकीर्ण भावना नहीं दिखी अपितु उनमें केवल आपसी सौहार्द्र एवं प्रेम ही देखने को मिला। सभी खिलाड़ियों ने खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसके लिए उन्हें सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया गया।

सायंकाल के समय सभी युवाओं के लिए प्रतिदिन सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य उन्हें शारिरिक रूप से स्वस्थ रखने के साथ-साथ उनमें आध्यात्मिक जागृति एवं मानसिक शांति को प्रदान करना था। टुर्नामेंट के समापन पर मुख्य अतिथि संत निरंकारी मण्डल के मेम्बर इंचार्ज आदरणीय श्री राकेश मुटरेजा द्वारा विजेता टीम को ट्राॅफी देकर सम्मानित किया गया।

खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक खिलाड़ी खेल के महत्व को समझें न कि हार जीत की भावना में रहे। भक्ति की अवस्था ही हमारे जीवन को सहज बनाती है। हम परमात्मा का शुकराना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर जब केन्द्रित होते है तभी वास्तविक रूप में हम परिवार, समाज और दुनियां में एक सामंजस्य स्थापित कर पाते है।

इस प्रतियोगिता में सभी खिलाड़ियों ने अपनी सकारात्मक युवा ऊर्जा के साथ-साथ अनुशासन, मर्यादा एवं सहनशीलता का सुंदर परिचय प्रदर्शित किया जिसकी वर्तमान समय में नितांत आवश्यकता भी है।

 

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आज जहां हर ओर एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को केवल पीड़ा ही पहुंचा रहा है और उसका अहित करने में लगा हुआ है; ऐसे समय में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की दी गयी सिखलाईयों से प्रेरणा लेते हुए इस टुर्नामेंट में खिलाड़ियों द्वारा प्रेम एवं मिलवर्तन का एक ऐसा अदभुत उदाहरण प्र्रदर्शित किया गया जो निश्चित रूप में प्रशंसनीय एवं सराहनीय है।

इन खेलों का मूल उद्देश्य सभी में एकत्व, विश्वबन्धुत्व एवं आपसी भाईचारे की सुंदर भावना को स्थापित करना है जो इस क्रिकेट टुर्नामेंट में सभी खिलाड़ियों द्वारा भली भांति प्रदर्शित किया गया।

टुर्नामेंट का आयोजन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशानुसार आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा (सचिव, संत निरंकारी मण्डल) के नेतृत्व में किया गया। सभी खिलाड़ियों में किसी प्रकार की कोई प्रतिस्पर्धा, द्वेष एवं एक दूसरे को हतोत्साहित करने की भावना नहीं दिखी अपितु उनमें केवल आपसी सौहार्द्र एवं प्रेम ही देखने को मिला।

इस प्रतियोगिता में सभी खिलाड़ियों ने अपनी सकारात्मक युवा ऊर्जा के साथ-साथ अनुशासन, मर्यादा एवं सहनशीलता का सुंदर परिचय प्रदर्शित किया जिसकी वर्तमान समय में नितांत आवश्यकता भी है।

रिपोर्ट – डॉo बिरेंद्र सरोज

By govind maurya

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