प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान दिवस हर माह 1,9,16,24 को,उठाएं लाभ
मातृत्व स्वास्थ्य सुदृढीकरण में मददगार बन रहा पीएमएसएमए डे
माह के 1,9,16 और 24 तारीख को सरकारी अस्पतालों और एफआरयू पर मनाया जाता है प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान दिवस
अब तक 3248 हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली गर्भवती हो चुकी हैं लाभान्वित
theundigestible/ देवरिया। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान दिवस (पीएम एस एम ए डे) गर्भवती के लिए वरदान बन रहे हैं। पीएम एस एम ए डे पर अप्रैल 2023 से अब तक जिले की 3248 हाई रिस्क प्रेगनेंसी (उच्च जोखिम गर्भावस्था) वाली महिलाओं को चिन्हित कर सुरक्षित प्रसव कराया गया है। इसके साथ ही ई रुपी बाउचर के माध्यम से 23878 गर्भवती का पैनेल्ड अल्ट्रासॉउन्ड केंद्र पर सरकारी प्रावधानों के माध्यम से अल्ट्रासॉउन्ड भी कराया गया है।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि हर माह की एक, नौ , सोलह और 24 तारीख को सरकारी अस्पतालों और प्रथम संदर्भन इकाई (एफआरयू) केन्द्र पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (पीएमएसएमए डे) का आयोजन कर गर्भवती को लाभ दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि पीएमएसएमए डे पर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच जैसे हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर और अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचें की जाती हैं। समस्त गर्भवती के गर्भ का द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की देख-रेख में स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। टिटनेस डिप्थीरिया का टीका लगाने के साथ साथ आयरन व कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाएं भी दी जाती हैं। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान, प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवती को प्रेरित किया जाता है।
सीएमओ डॉ झा ने यह भी बताया कि पीएमएसएमए डे पर ई वाउचर योजना के तहत में शहरी क्षेत्र सहित जिले के 16 अल्ट्रासाउंड केन्द्रों को योजना के पैनल में शामिल किया गया है। यह वाउचर इन्ही सेंटर्स पर वैध माने जाते हैं। सीएमओ ने बताया कि निजी सेंटर्स पर अल्ट्रासॉउन्ड के लिए हजार रुपये तक खर्च हो जाते हैं। इसी वजह से आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती यह जांच नहीं करा पाती हैं, जिससे मातृ शिशु स्वास्थ्य पर खतरे की आशंका होती है। पैनल्ड सेंटर पर ई वाउचर के जरिये सरकारी अस्पतालों के प्रावधानों के अनुसार ही सुविधा दी जाती है।
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सही इलाज और उचित खानपान से दूर हुईं ब्लड की कमी
गौरी बाजार ब्लॉक के पथरहट निवासी रुबी मौर्या (23) बताती हैं कि 5 जून 2022 को उनका विवाह सुनील मौर्या से हुआ। पति सुनील मौर्या गुजरात में एक कम्पनी में काम करते हैं ।
24 अप्रैल 2023 को गर्भावस्था का पता चला और सिर्फ एक बार उन्होंने सीएचसी पर जांच कराया । जब नौंवा महीना शुरू हो गये तो नौ जनवरी 2024 को सीएचसी गौरी बाजार पर पीएमएसएमए डे पर जांच के लिए गयीं। जांच में चिकित्सक डॉ प्रियंका ने उन्हें बताया कि खान-पान में लापरवाही के कारण आयरन की कमी से वह एनीमिक हो गईं हैं और शरीर में हीमोग्लोबिन 7.2 ग्राम पहुँच गया है। उन्हें कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जांच करवाना चाहिए था।
उन्होंने पोषक आहार के सेवन और उचित खान-पान की सलाह के साथ आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन लगवाने की सलाह दिया। रुबी बताती हैं कि हर एक दिन के अंतराल पर सीएचसी जाकर नर्स मेंटर मिनी पाण्डेय से आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन का 6 डोज लगवाया। साथ ही अपने खानपान में दाल, हरी सब्जियां, शलजम और ड्राई फ़्रूट जैसे पोषक आहार का सेवन किया ।
इसके बाद हीमोग्लोबिन 10 ग्राम हो गया। 2 फरवरी 2024 को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन आशा कार्यकर्ता की मदद से सीएचसी गौरीबाजार लेकर गई। वहां रुबी ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। अब रुबी और उनका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। रुबी ने बताया कि यह उनका पहला बच्चा है।theundigestible.
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