महिला की मौत अस्पताल हुआ सील
पथरदेवा/देवरिया। sealed । देवरिया जिले में बगैर लाइसेंस के चल रहे अस्पताल में आपरेशन के दौरान प्रसूता की पेशाब नली सील जाने से लगभग दो महीने बाद बुधवार को महिला की मौत हो गई। महिला के परिजनों की शिकायत पर मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय टीम ने पिछले दिन अस्पताल की जॉच की थी। टीम द्वारा जॉच के दौरान अस्पताल प्रबंधन द्वारा केवल ओपीडी संचालित करने का परमिशन दिखाया गया,किसी ऑपरेशन या अन्य कागजात अस्पताल प्रशासन नहीं दिखा सका। जिस पर स्वास्थ्य प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार देवरिया जिले के बघौचघाट थाना क्षेत्र के ग्राम मुंडेरा पांडेयपुर की निवासी संध्या पटेल पत्नी अजय पटेल को 19 जनवरी को प्रसव पीड़ा हुई, जिस पर संध्या पटेल के परिजनों ने पथरदेवा कस्बे के आस्था हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। जहां संध्या पटेल का ऑपरेशन हुआ,आपरेशन से एक बच्ची का जन्म हुआ। आरोप है कि संध्या पटेल के आपरेशन के बाद डाक्टरों द्वारा प्रसूता की बच्चेदानी में टांका लगाने के दौरान पेशाब की नली को भी सील दिया गया था।
पेशाब की नली सिल जाने से प्रसूता की तबियत बिगड़नी शुरू हो गई। परिजनों ने आनन–फानन में संध्या पटेल को देवरिया जिले के पड़ोसी जिले गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में दाखिल करा दिया। वहां डाक्टरों ने संध्या पटेल के परिजनों को बताया कि आपरेशन के दौरान पेशाब की नली सील जाने से महिला की दोनों किडनियां संक्रमित हो चुकीं हैं।
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महीनों तक डायलिसिस के बाद भी महिला की स्थिति में सुधार न देखकर डाक्टरों ने संध्या के परिजनों से संध्या को घर ले जाने को कह दिया। बुधवार सुबह संध्या पटेल की हालत ज्यादा बिगड़ गई और सुबह 09:00 बजे संध्या पटेल की मौत हो गई।इस सम्बंध मे मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश झा ने बताया कि तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है और टीम मामले की जॉच कर रही है। आस्था अस्पताल के पास आपरेशन करने की कोई अनुमति पत्र नहीं था। अस्पताल को सील कर दिया गया है और अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
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वहीं देवरिया के सोशल मीडिया ग्रुपों में लगातार देवरिया के मुख्य चिकित्साधिकारी और उनके बाबू के मिली भगत से जिले में ऐसे अस्पतालों को खोलना और जब कोई अनहोनी हो जाए तो उसे जांच में बचाने का आरोप जम कर लग रहा है,ऐसे में उच्च अधिकारीयों को चाहिए कि लखनऊ के एसी कमरों से निकल कर ऐसी तमाम घटनाओं और आरोपों की जांच करे, क्योंकि ऐसी घटनाओं में हमेशा आम आदमी ही जान से हाथ धो बैठता है,और इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
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